वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका के साथ 36.74 बिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस था. अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है. यूके, बेल्जियम, इटली, फ्रांस और बांग्लादेश भी इसी फेहरिस्त में शामिल है
‘सिर पर लाल टोपी रूसी…’ राजकपूर की फिल्म के गाने की इस लाइन ने पूरे रूस में तहलका मचा दिया था. आज फिर यही यही लाइनें रूसी धरती पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबां पर थी. अब आप समझ सकते हैं कि भारत और रूस की दोस्ती कितनी गहरी और दूसरे देशों की समझ से कितनी परें हैं. यही वजह है कि अमेरिकी सरकार पूरी तरह से सकते हैं. वहीं रूस से पींगे बढ़ा रहा चीन भी इस दोस्ती को देखकर खौफजदा हो चुका होगा.
क्या है 100 अरब डॉलर का प्लान?
भारत और रूस ने जो 100 अरब डॉलर का प्लान बना लिया है वो वास्तव में बाइलेटरल ट्रेड का है. जानकारी के अनुसार दोनों देशों ने साल 2030 तक बाइलेटरल ट्रेड को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का प्लान बना लिया है. साथ ही दोनों देशों ने व्यापार में संतुलन लाने, गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को दूर करने और यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू)-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की संभावनाएं तलाशने का टारगेट रखा है.
इन बातों पर भी हुई चर्चा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की दो दिनों की यात्रा के दौरान एनर्जी, बिजनेस, मैन्युफैक्चरिंग और फर्टीलाइजर सेक्टर में आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया. इसके साथ ही दोनों देशों ने बाइलेटरल बैलेंस ट्रेड के लिए भारत से सामान की सप्लाई बढ़ाने और और स्पेशल इंवेस्टमेंट सिस्टम के तहत निवेश को फिर से मजबूत करने पर जोर दिया