भोलेनाथ को कैसे करें प्रसन्न? क्या हैं सावन के सोमवार के नियम?
सावन का महीना शुरू होने जा रहा है। मान्यता है कि ये महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे पसंदीदा है। इस महीने में शिव की पूजा करने से मनचाही मनोकामना पूरी होती है। पौराणिक मान्यता है कि सावन में शिव जी पृथ्वी पर अपने ससुराल आते हैं और भक्तों के संकट दूर करते हैं।
यही वजह भी है कि इस पवित्र महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण पूजा, जलाभिषेक करते हैं। ये पूरा महीना मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है।
ऐसे में, सावन में क्या-क्या किया जाता है, आइए बेबाक न्यूजलाइव की इस स्पेशल रिपोर्ट के जरिये जानते हैं।
सबसे पहले ये जान लीजिये- इस साल सावन का महीना 22 जुलाई 2024 को शुरू होगा और तभी कांवड़ यात्रा भी शुरू होगी।
अब बात करते हैं-सावन के धार्मिक महत्व के बारे में !
तो, हिंदू धर्म पुराणों में सावन माह का कई जगह जिक्र किया गया है और शिव पुराण में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने में भगवान शिव का पूजन किया जाता है और इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार- सावन के महीने में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष का प्याला पिया था। इस विष का ताप इतना तेज था कि इंद्र देवता ने बारिश करके उन्हें शीतल किया था। इसलिए सावन के महीने में बारिश जरूर होती है।
वहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसारl- माता सती ने भगवान शिव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था। माता सती ने अपने दूसरे रूप में राजा हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया और शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। जिसके बाद सावन के महीने में ही माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ था और तभी से शिव जी को यह महीना अति प्रिय है। इस माह भगवान शिव बारात लेकर माता पार्वती से विवाह करने जाते हैं।
अब जानते हैं- कैसे की जाए सावन में शिव की पूजा ?
तो- सावन में भोलेनाथ का जल, पंचामृत आदि से अभिषेक करना शुभ फलदायी माना गया है। शिव जी की प्रिय चीजें धतूर, भागं, भस्म उन्हें अर्पित करना चाहिए, इसके लिए पार्थिव (मिट्टी के शिवलिंग) शिवलिंग बनाकर पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। इससे शिव जी पूजा जल्द स्वीकार करते हैं।
साथ ही, सावन में सोमवार का दिन खास माना गया है। इस दिन सुहागिने पति की लंबी उम्र और कुंवारी लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए व्रत करती हैं। इससे धन, सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है साथ ही तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
बता दें कि, सावन में हरे रंग की चूड़ी, साड़ी, पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। शादीशुदा जीवन में खुशहाली आती है, सूनी गोद भरने की कामना पूरी होती है।
इसके साथ ही, सावन में कांवड़िए (शिव के भक्त) भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए कठिन तरह की यात्रा करते हैं। इसमें वह कंधे पर कांवड़ टांगकर मीलों पैदल चलकर हरिद्वार, संगम तट जाते हैं। कांवड़ में जल भरकर लाते हैं और सावन शिवरात्रि उस जल से जलाभिषेक करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से मोक्ष प्राप्त होता है।
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