संसद सत्र के छठवें दिन एक बार फिर लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव में चर्चा हुई। इस दौरान एक बार फिर नीट का मुद्दा उठाया गया और लंबे वक्त तक लोकसभा से विपक्षी दलों ने वॉक आउट भी किया।
वहीं, सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बहस की शुरूआत की और संविधान के बहाने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी हाथ में लेकर की। इस दौरान राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर एक ऐसा बयान भी दे दिया जिससे हंगामा खड़ा हो गया।
दरअसल, राहुल गांधी ने कहा- ‘मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है- हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।
राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी अपनी चेयर से उठ खड़े हुए और बोलेl- पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है।
तो, इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मामले पर ब्यान देते हुए कहा- राहुल ने नियमों का उल्लंघन किया है। वह बीजेपी को हिंसक नहीं कह सकते है। राहुल को अगर नियम नहीं पता तो ट्यूशन रख लें। राहुल को पता नहीं है कि करोड़ों लोग गर्व से अपने आप को हिंदू कहते हैं। आप हिंसा की बात करते हैं। हिंसा की भावना को भरे सदन में किसी धर्म के साथ जोड़ना गलत है। राहुल को माफी मांगनी चाहिए।
राहुल के बयान से 18 वीं लोकसभा चुनाव के बाद चल रहे पहले संसद सत्र में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला।
आपको बता दें कि, इससे पहले शुक्रवार को भी काफी हंगामा हुआ था और कार्यवाही नहीं चल सकी थी। हालांकि राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी।