Lok Sabha 2024 : जुलाई महीने के पहले दिन, जो कि सोमवार था, लंच के बाद संसद का एक और सत्र शुरू हो गया है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति का धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव की एक तस्वीर दिखाई। इसके बाद, सदन में हंगामा शुरू हो गया। उन्होंने एक सवाल भी उठाया कि क्या सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाना उचित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके संबोधन में मौजूद थे।
‘सच का साथ देना चाहिए…’ – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि “मोदीजी ने संसद सत्र 2024 में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान कभी किसी पर हमला नहीं किया है। इसका कारण है कि हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया है – ‘डरो मत, डराओ मत’। शिवजी कहते हैं – ‘डरो मत, डराओ मत’ और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी ओर, जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वे 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत। आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए।”
अमित शाह ने किया पलटवार
राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विवाद खड़ा कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गंभीरता से लेकर चर्चा की। मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को ‘हिंसक’ कहना एक गंभीर आरोप है। उसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरे हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा है, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बयान से करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं। उन्होंने राहुल गांधी से इस्लाम में अभय मुद्रा पर इस्लामिक विद्वानों की राय लेने की गुजारिश की। अमित शाह ने अपनी आपत्ति जताते हुए राहुल गांधी से माफी की मांग की और पूछा कि क्या विपक्षी नेता माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा कि हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है और राहुल को देश से माफी मांगनी चाहिए