अयोध्या के राम मंदिर को लेकर आया बड़ा अपडेट,
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Ram Temple : मंदिर की छत से क्यों टपक रहा पानी, सामने आ गया पूरा सच

राम मंदिर की छत से पानी टपकने की खबरों के बीच मंदिर के अध्यक्ष ने पानी टपकने की असली वजह का खुलासा कर दिया है।

अयोध्या के राम मंदिर को लेकर आया बड़ा अपडेट,

Ram Temple : राम मंदिर में रामलला के गर्भगृह में पानी निकासी की समस्या और मंदिर परिसर में छत से पानी टपकने की खबरों के बीच राम मंदिर की भवन निर्माण समिति को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी है। समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इन सभी तथ्यों पर से पर्दा हटाते हुए कहा कि उन्होंने खुद निरीक्षण किया है और कहीं भी कोई समस्या नहीं है। हालांकि, उन्होंने विस्तार से बताया कि पहली बरसात में ही छत से मंदिर परिसर के अंदर पानी क्यों आने लगा और गर्भगृह में जल निकासी की समस्या की वास्तविकता क्या है।

मंदिर में नहीं है लीकेज की समस्या

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा है कि मंदिर परिसर में पानी लीकेज की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने स्वयं निरीक्षण किया है और बताया कि निर्माणाधीन मंडप की छत दूसरी मंजिल पर जाकर पूरी होगी, जिससे बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश नहीं करेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गुण मंडप की छत पर अस्थाई निर्माण करके पानी और धूप से बचाव के उपाय किए गए हैं। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ये सब भ्रम हैं जो लोगों ने फैलाए हैं। उनके अनुसार, बिजली की अंडरग्राउंड वायरिंग में अभी तार डालना बाकी है, जिसके लिए पाइप खुला हुआ है और उसी पाइप के जरिए नीचे सीवेज में पानी आया है। उन्होंने कहा कि निर्माण में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और राम मंदिर में उच्चतम स्तर का निर्माण कार्य हो रहा है।

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निर्माण अधिकारी ने कही ये बात

गर्भगृह में जल निकासी की समस्या पर नृपेन्द्र मिश्रा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्भगृह में केवल भगवान के स्नान और श्रृंगार का जल होता है। साधु-संतों की सलाह पर इस जल को एक कुंड में एकत्र किया जाता है और श्रद्धालुओं को उनकी मांग के अनुसार यह जल प्रदान किया जाता है। जल निकासी के लिए सभी मंडपों में परनाले बनाए गए हैं।

मिश्रा के अनुसार, मंदिर के फर्श को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि पानी अपने आप बाहर निकल सके। उन्होंने कहा कि नागर शैली में मंदिर को पूरी तरह से बंद नहीं किया जाता है। मंदिर के मंडप के दाएं और बाएं हिस्से खुले हुए हैं, जिससे तेज बारिश में छींटे आ सकते हैं। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि निर्माण के कारण मंदिर परिसर में पानी आने की कोई संभावना नहीं है।

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