ये है संसद की स्थिति
सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति न बनने के कारण इस बार स्पीकर पद के लिए चुनाव होने की संभावना है। आमतौर पर स्पीकर सर्वसम्मति से चुना जाता है, लेकिन इस बार विपक्ष भी अपना उम्मीदवार उतार सकता है।
सत्ता पक्ष की ओर से इस मामले को संभालने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को जिम्मेदारी दी गई है। सरकार लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पदों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करती रहती है। सरकार ने रक्षामंत्री राजनाथ और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को यह काम सौंप दिया है।
2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, लेकिन इस बार सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई गई है। 16वीं और 17वीं लोकसभा में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला। बीजेपी ने 16वीं लोकसभा में अपनी नेता सुमित्रा महाजन को अध्यक्ष बनाया और एआईएडीएमके से एम. थम्बी दुरई को उपाध्यक्ष बनाया। 2019 में 17वीं लोकसभा में बीजेपी के ओम बिरला अध्यक्ष बने, लेकिन उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ और पद खाली रहा। इस बार विपक्ष उपाध्यक्ष का पद मांग रहा है।
आज होगा स्पीकर का चुनाव
आज संसद के सत्र में नया लोकसभा स्पीकर चुना जाएगा। अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बन जाती है, तो स्पीकर चुनाव की संभावना कम है। यदि सहमति नहीं बनती, तो स्पीकर का चयन वोटिंग द्वारा किया जाएगा।
इसी को लेकर आज के महत्वपूर्ण कार्यक्रम कुछ इस प्रकार रहने वाले हैं –
सोमवार: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ।
बुधवार: लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा।
गुरुवार: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी।
आम सहमति से होगा चुनाव
लोकसभा स्पीकर आम सहमति से चुना जाएगा और स्पीकर चुनाव की संभावना बहुत कम है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष उम्मीदवार नहीं उतारेगा और सत्ता पक्ष से स्पीकर पद के लिए नाम घोषित होने का इंतजार कर रहा है। विपक्षी गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि अगर सरकार पहल करती है तो विपक्ष आम सहमति से स्पीकर चुनने के लिए तैयार है। सरकार लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पदों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करती रहती है। इस कार्य के लिए सरकार ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को जिम्मेदारी सौंपी है। विपक्षी दलों से बातचीत का जिम्मा राजनाथ सिंह को दिया गया है।