Abbas Ansari : मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर सीट के विधायक अब्बास अंसारी की कस्टडी पैरोल 12 जून को समाप्त हो गई। इसके बाद, बुधवार को अब्बास को गाजीपुर जेल भेजा गया। जहां से गुरुवार सुबह करीब पांच बजे भारी पुलिस सुरक्षा के साथ गाजीपुर से कासगंज जेल भेजा गया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब्बास अंसारी को तीन दिनों के लिए पिता की प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए गाजीपुर जिला जेल में शिफ्ट किया गया था।
तीन दिन की दी गई थी पैरोल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ‘फाटक’ पर अब्बास की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। अब्बास को कासगंज से गाजीपुर जिला जेल प्रिजन वैन में लाया गया था। वह विभिन्न आपराधिक मामलों में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास (Abbas Ansari) की याचिका पर उसे 10, 11 और 12 जून को गाजीपुर भेजा था। वह सुबह नौ से शाम छह बजे तक मोहम्मदाबाद स्थित आवास ‘फाटक’ और कालीबाग स्थित मुख्तार अंसारी की कब्र पर प्रार्थना सभा में शामिल होता था।
पैरोल खत्म होने के बाद अब्बास को भेजा गया कासगंज
इस दौरान, अब्बास को गाजीपुर जेल से पुलिस की वैन से सुबह ‘फाटक’ लाया जाता था और शाम को वापस जेल ले जाया जाता था। वह अपने पिता मुख्तार की कब्र पर फातिहा भी पढ़ने जाता था। इस दौरान अब्बास की सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस तैनात रही। कस्टडी पैरोल समाप्त होने पर, 13 जून यानी गुरुवार की सुबह पांच बजे अब्बास को कासगंज जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया, लेकिन परिजनों ने जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। 29 मार्च को मुख्तार के शव को देर रात गाजीपुर के पैतृक घर ले जाया गया, जहां 30 मार्च की सुबह कालीबाग कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।