Delhi Water Crisis: दिल्ली में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है. ऐसे में पानी की कमी ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है. इसके कारण संगर विहार के लोग पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं. लोगों का कहना है कि हर 15 दिन में केवल एक टैंकर ही इलाके में आता है, जिसकी वजह से लोगों को कई दिनों तक बिना पानी के रहना पड़ता है.
‘2014 में आया था पाइपलाइन का पानी’
कई लोग पानी की कमी की वजह से पलायन करने की सोच रहे हैं. कई स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि पानी की कमी की वजह से किराएदार 2 महीने के अंदर ही घर छोड़ देते हैं. एक निवासी नीरज कुमार ने बताया कि हमारे यहां पानी की इतनी ज्यादा परेशानी है कि लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ रहा है. आगे नीरज कुमार ने कहा यहां आखिरी बार पाइपलाइन से पानी 2014 में आया था.
जुर्माना लगाने पर भी नहीं हुआ समाधान
बड़े-बड़ें वादों और तमाम दावों के बावजूद हर साल घूम फिर कर जल संकट दिल्ली के सामने आ ही जाता है, ऐसे में दिल्ली सरकार ने पानी की बर्बादी को देखते हुए दिल्लीवासियों पर भारी जुर्माना भी लगाया था. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई थी और लोगों ने कम से कम पानी इस्तमाल करने के लिए भी कहा गाया था, लेकिन इन सब के बावजूद भी दिल्ली में पानी का संकट दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
दिल्ली में क्यों है जलसंकट?
DJB (Delhi Jal Board) के मुताबिक दिल्ली जल संकट के दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं. पहला, प्रचंड गर्मी और दूसरा पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता. भयानक गर्मी के चलते पानी की मांग बढ़ गई है. दिल्ली की आबादी की तुलना में पानी की सप्लाई पहले से कम है. दूसरा, दिल्ली का अपना कोई जल स्रोत नहीं है. पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है. ऐसे में दिल्ली की मुश्किल और बढ़ गई है. DJB के अनुसार इस साल दिल्ली आवश्यकता से 32.1 करोड़ गैलन प्रति दिन पानी की कमी से जूझ रहा है.