Delhi Water Crisis: दिल्ली के कई हिस्सों में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं. दूसरी ओर शहर को रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 5 जून को हिमाचल प्रदेश सरकार से कहा कि वो राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक ज्यादा पानी छोड़े. कोर्ट ने हरियाणा को भी निर्देश दिया है कि वो दिल्ली तक बिना रुके पानी पहुंचने का बंदोबस्त करे.
नगर-निगम ने नहीं लिया एक्शन
पानी के संकंट से परेशान लोगों ने बताया कि वहां रोज सुबह पानी का टैंकर आता है, लेकिन उससे पानी की जरूरत पूरी नहीं होती. मजबूर होकर लोगों को पानी खरीदना पड़ता है और कई लोगों के पास खरीदने के लिए भी प्रर्याप्त पैसे नहीं हैं, जिससे वह बार-बार पानी खरीदें. साथ ही गीता कलॉनी में रहने वाले लोगों का यह भी कहना है कि झुग्गी-झोपड़ी में पाइपलाइन डली है, लेकिन वहां भी पानी नहीं आ रहा है. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार पानी ना आने की शिकायत नगर-निगम को भी की है, लेकिन अभी तक कोई कड़ा एक्शन नहीं लिया गया है.
पानी के संकंट पर एक्शन में आतिशी
बीते दिनों आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पानी के संकट पर कहा था कि हरियाणा, दिल्ली और पूरे ऊपरी यमुना क्षेत्र के बीच पानी को लेकर हुए समझौते के तहत मुनक नहर के जरिए 1050 क्यूसेक पानी दिल्ली आता है. मुनक नहर की दो उप-नहरें यहां पानी पहुंचाती हैं. यहां लगे फ्लो मीटर से इसकी माप होती है. पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो हरियाणा द्वारा छोड़े गए 1050 क्यूसेक पानी में से 1000 से 980 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचता है.
साथ ही आतिशी ने हरियाणा से अपने हिस्से का पानी लेने के लिए भी कहा था.