Panchayat Season 3 Review: अमेजॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज पंचायत सीजन 3 ने अब दस्तक दे दी है. आठ एपिसोड की ये वेब सीरीज ‘पंचायत’ का सीजन तीन है. इसके पहले पंचायत का सीजन 2 काफी उदास मोड़ पर खत्म हुआ था. तो वहीं सीजन 3 की शुरुआत भी सैड नोट के साथ ही हुई है. इसके अलावा सीरीज के आने से पहले चर्चा हो रही थी कि ये सीजन इस बार चुनाव के पहले आएगा.
Panchayat Season 3 Review: कई चालों और साजिश से भरा है सीजन
सीजन 3 के कहानी की शुरुआत में सचिवजी का तबादला हो गया है, प्रह्लाद अपने बेटे की मौत के सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं. इसके साथ ही नए सचिव आ गए हैं. रिंकी सचिव से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश करती है लेकिन वह फोन नहीं उठाते हैं. वहीं दूसरी तरफ विधायक के दिल में बदले की आग जल रही होती है. वहीं भूषण उर्फ बनराकस की राजनीतिक एक्टिविटी बढ़ गई हैं. इसके साथ ही वह किसी तरह फुलेरा ग्राम पंचायत पर कब्जा करना चाहता है. इसके लिए वह कई चालें भी चलता है.
Panchayat Season 3 Review: पहले के 4 एपिसोड उदास से भरे पड़े
बात करें अगर कहानी कि तो पंचायत के पहले 4 एपिसोड उदास रस और नम कर देने वाला है. इसमें इंसान की जिंदगी की कई मजबूरियों और रंगगों को दिखाया गया है. इसके बाद 5वें एपिसोड से प्रधान और उसकी पूरी टीम का ड्रामा शुरू हो जाता है. इसी सीन के बाद फैन्स पंचायत में जो ड्रमा देखना चाहते हैं वो उन्हें देखने को मिलता है. बेशक कहानी थोड़ी स्लो चलती है, लेकिन आखिरी का 8वां एपिसोड सारी कमियों को पूरा कर देता है. इतना ही नहीं घरेलू और सीधी सादी पंचायत अंत आते-आते अचानक से मिर्जापुर में ट्रांसफर हो जाती है.