उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है एक नाबालिग बच्चे ने पहले लड़की के साथ अश्लीलता भरा एक वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इस बात की जानकारी जब पुलिस को मिली तो पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। आपको बता दें कि, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही अपना फैसला सुनाते हुए उस लड़के को जमानत देने से इन्कार कर दिया।
फिर पता चला कि इसी वजह से एक युवा लड़की ने आत्महत्या कर ली है। इसी के साथ इस मामले को संज्ञान में लेते हुए न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथिल की वेकेशन बेंच ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।
उत्तराखंड हाईकोर्ट फैसला सुनाते हुए कही ये बात
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस मामले के आरोपी लड़के के संबंध में अपना निर्णय सुनाते हुए उसे गैर अनुशासित घोषित किया और उसकी जमानत की मांग को इनकार कर दिया। इस मामले को लेकर जज न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी ने 1 अप्रैल को अपने फैसले में कहा था कि कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे के लिए, हर अपराध जमानती है और वह सीआईएल जमानत का हकदार है, भले ही अपराध को जमानती या गैर-जमानती के रूप में वर्गीकृत किया गया हो। फिर भी, अगर यह समझने के लिए उचित आधार है कि रिहाई से कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे को किसी ज्ञात अपराधी की संगति में लाने के साथ उसे नैतिक, शारीरिक या फिर मानसिक खतरे में डालने की संभावना है, या फिर उसकी रिहाई से न्याय के उद्देश्य विफल हो जाएंगे, तो उसे जमानत से इनकार किया जा सकता है।